रामायण में तुलसी दास जी ने नारी को पर्दे का अधिकारी कहा है जब की रामायण कालमे सीता माता को पर्दा करते नही दिखाया गया फिर भी सर को ढकने की प्रथा बहुत पुरानी है |पाठ पूजा या अनुष्ठानो में सर को ढका जाता हे |यह नियम स्त्री-पुरुष दोनों पर ही लागू होता था |सर का भाव इजत से भी कहा जाता हे |इजत जब तक घूंगट यानि पर्दे में रहे थी तक इजत होती हे बेपर्दा होते ही बदनामी सर पर लगा करती है |इसी कारण से सनातनी हिन्दू भी घुंगट को अपनाने लगे परन्तु उन्हों ने इसे केवल महीलाओं पर ही घुंगट के रूप में लागू किया | घूंगट और बुर्का दोनों सनातन धर्मों हिंदू और मुसल्मानो की पहिचान बन गये |
मुस्लिम पर्दा
इसाई
सिख पंजाबी महिलाएं
पर्दा ओरत की इजत और ओरत परिवार की
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें