शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

हिन्दू गुरु








 







श्रीभगवानुवाच
परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं मानमुत्तमम्‌ ।
यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥
भावार्थ :  श्री भगवान बोले- ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं॥1॥ 
 
इदं ज्ञानमुपाश्रित्य मम साधर्म्यमागताः ।
सर्गेऽपि नोपजायन्ते प्रलये न व्यथन्ति च ॥
भावार्थ :  इस ज्ञान को आश्रय करके अर्थात धारण करके मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए पुरुष सृष्टि के आदि में पुनः उत्पन्न नहीं होते और प्रलयकाल में भी व्याकुल नहीं होते॥2॥अद्याये ४ के २ श्लोक 
इन दोनों श्लोकों को यदि नजर अंदाज कर दिया जाए तो हमें तलाश होती हें किसी आध्यात्मिक गुरु की जो हमे ज्ञान की प्राप्ति करवा कर हमारा इस भवसागर से उधार करे   और हम जा फंसते हेँ किसी ढोंगी पाखंडी अज्ञानी मुर्ख देह धारी गुरु के चंगुल में और तमो गुण की ओर बड़ते ही जाते हैं |
तमस्त्वज्ञानजं विद्धि मोहनं सर्वदेहिनाम्‌ ।
प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति भारत ॥
भावार्थ :  हे अर्जुन! सब देहाभिमानियों को मोहित करने वाले तमोगुण को तो अज्ञान से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को प्रमाद (इंद्रियों और अंतःकरण की व्यर्थ चेष्टाओं का नाम 'प्रमाद' है), आलस्य (कर्तव्य कर्म में अप्रवृत्तिरूप निरुद्यमता का नाम 'आलस्य' है) और निद्रा द्वारा बाँधता है॥8॥ 
यदि हम इसी पर ध्यान दें तो श्री कृष्ण भी किसी आध्यात्मिक गुरु से कम नजर नही आते 
जिन का किसी भी काल में अंत नही होता | इस  लोक से परलोक तक सर्व व्यापक गुरु प्राप्त हो जाता हें | क्यों की भगवान खुद ही कह रहे हैं की
  ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं  |
यह तभी समझ में आता हें जब हमें भगवान के वचनों पर विश्वाश हो ओर तब  हमे  भगवान से बड़ा ज्ञानी इस धरती पर कोई ओर या उनके बराबर नजर ही नही  आये गा जो गारंटी ओर विश्वाश से कहता हो की मेरे इस ज्ञान का सहारा पाकर वह सभी मुनि जन इस संसार से मुक्त हो कर परम सीधी को प्राप्त हो चुके हेँ |
अतः इस के लिए अद्याये १८ 
 
चेतसा सर्वकर्माणि मयि सन्न्यस्य मत्परः।
बुद्धियोगमुपाश्रित्य मच्चित्तः सततं भव॥
भावार्थ :  सब कर्मों को मन से मुझमें अर्पण करके (गीता अध्याय 9 श्लोक 27 में जिसकी विधि कही है) तथा समबुद्धि रूप योग को अवलंबन करके मेरे परायण और निरंतर मुझमें चित्तवाला हो॥57॥   देखो
मच्चित्तः सर्वदुर्गाणि मत्प्रसादात्तरिष्यसि।
अथ चेत्वमहाङ्‍कारान्न श्रोष्यसि विनङ्क्ष्यसि॥
भावार्थ :  उपर्युक्त प्रकार से मुझमें चित्तवाला होकर तू मेरी कृपा से समस्त संकटों को अनायास ही पार कर जाएगा और यदि अहंकार के कारण मेरे वचनों को न सुनेगा तो नष्ट हो जाएगा अर्थात परमार्थ से भ्रष्ट हो जाएगा॥58॥ 
 

इति ते ज्ञानमाख्यातं गुह्याद्‍गुह्यतरं मया ।
विमृश्यैतदशेषेण यथेच्छसि तथा कुरु ॥
भावार्थ :  इस प्रकार यह गोपनीय से भी अति गोपनीय ज्ञान मैंने तुमसे कह दिया। अब तू इस रहस्ययुक्त ज्ञान को पूर्णतया भलीभाँति विचार कर, जैसे चाहता है वैसे ही कर॥63॥

3 टिप्‍पणियां:

  1. Rama Singh HAPPY TEACHERS DAY.....

    Chandu Sahani bilkul galat ........yaha apne karmo ke jimedar ham khud hai .....kisi ko dos nahi dena chahiye...

    Patel Vishal that's right.....
    Jay shree krishana...

    Patel Vishal thanks gitaji...
    Have gud day.

    आत्मयोगी Swami Ji ‎..
    You are your own master, your own guru, your own God. Without you god does not exist. So meditate on your self.
    http://www.facebook.com/note.php?note_id=423586031901

    Sanjay Mishra ek hota hai guru aur ek hota hai gurughantal ..guru kaisa bhi ho guru guru hota hai lekin chela aage chal kar gurughantal jarur banta hai chunki...

    Alok Mehta किन्तू दुर्योधन का अधर्मी होना। इसमे गुरू द्रोणाचार्य का कोइ गलती नही है।

    Shankar Adhikari It means, ki hame aisa koi kaam nahi karna chaiye jisse hamare guru par, hamare sansthan ke nam pe koi bhi aanch aaye kyonki ek saccha shisya hi apne guru ki pechann hota hai.

    Ramesh Sharma internet guru hai nikamma kaise ho skta hai batao
    purana dhurana chhod do
    naya trendy guru apna INTERNET

    Rasesh Rastogi Dear Alok....bilkul galat hai..yadi duryodhan ne apne guru doornacharya ke saath galat kiya..to acharya dournaacharya ne apne priya shisya arjun ke saath vishwaasghaat bhi kiya tha...

    Virat Thaker sahi bat he

    Gita Sharma ‎@Alok Mehta ji tbhi तो कहा गया है की ,यदि एक गुरु निक्मा निकले तो सभी चेलों को नर्क में धकेल देता है |यदि एक ही चेला निक्मा निकल आये तो सारा दोष उसके गुरु पर आता है |

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  2. फेस बुक पर चर्चा जारी हे |उपर देखो फेस बुक पर मित्रों का क्या कहना हे

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  3. Rohit Malik same to you rama singh ji

    Astrologerkumargarg Sunil
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    Satish Rawat sahe baat hai............
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    Ishwar Patel U r always right.

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